देश दुनिया में जहां भी समाज की बैठक होती है वहां पर कुछ अजीबो-गरीब फरमान जरूर सुनने को मिलते हैं. इसी तरह के कुछ फरमान तब सुनने मिले जब राजस्थान के उदयपुर के एक गांव में मेनारिया समाज की अहम बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में समाज के कई गणमान्य जन शामिल हुए और समाज की वर्तमान स्थिति और सांस्कृतिक दिशा और दशा पर चर्चा की गई. समाज के कुछ लोगों ने अहम मुद्दे भी उठाए तो कुछ ने संस्कृति को बचाए रखने के लिए कुछ अलग ही मामलों पर चिंता जाहिर की. मेनारिया समाज की बैठक में फैसला लिया गया है कि शादी के वक्त दूल्हा बिना क्लीन शेव कराए घोड़ी नहीं चढ़ेगा. साथ ही अब प्री वेडिंग शूट भी बंद किया जाएगा.
लंबे वक्त बाद उदयपुर के गिर्वा चोखले (गिर्वा में मौजूद समाज के गांवों का समूह) की मेनारिया समाज की बैठक पानेरियों की मादड़ी गांव के भट्ट तलाई नोहरे में आयोजित की गई. जहां पर 9 गांव के समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में 1500 से अधिक लोग शामिल हुए जिसमें समाज की आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक दिशा और दशा पर चर्चा की गई.
दूल्हे को करवानी होगी क्लीन शेव
बैठक में एक अहम फैसला लिया गया जिसमें कहा गया कि समाज के युवा शादी के दौरान दाढ़ी नहीं रखेंगे. शादी समारोह में दाढ़ी रखना एक फैशन भी हो सकता है लेकिन समाज फैशन से नहीं संस्कारों से चलता है. इसलिए दूल्हे को क्लीन शेव रखनी होगी. समाज के लोगों ने कहा कि दाढ़ी रखने की प्रथा समाज में नहीं है. हिंदू संस्कृति में दूल्हा क्लीन शेव होकर शादी करने जाता है. ऐसे में अगर दूल्हा घोड़ी पर चढ़ेगा तो क्लीन शेव करवानी ही होगी.
प्री वेडिंग शूट की भी मनाही
समाज की मीटिंग में एक और बड़ा फैसला लिया गया जिसमें कहा गया कि फिजूलखर्ची को रोकने और संस्कृति को बनाए रखने के लिए लड़का और लड़की के प्री वेडिंग शूट नहीं करवाने पर निर्णय भी लिया गया. समाज के लोगों ने कहा कि जब शादी से पहले फोटो शूट होते हैं तो लड़का लड़की और फोटोग्राफर के अलावा कोई लोग नहीं होते उस दौरान कई तरह की स्थितियां बन जाती हैं. कई बार सगाई टूटने जैसी स्थितियां भी बन जाती हैं. इस कारण प्री वेडिंग शूट पर भी रोक लगा दी गई.
समाज कराएगी सुलह
समाज की बैठक के दौरान मृत्यु भोज जैसी कुप्रथा को बंद करने का भी प्रस्ताव रखा गया. जिस पर समाज के लोगों ने भी सहमति जताई. वहीं फैसला लिया गया की शादी के बाद लड़के और लड़की में कोई भी बात होती है तो समाज अपने स्तर पर एक कार्यकारिणी का गठन करेगा और कमेटी दोनों पक्षों से बात करेगी. आपस में समाज स्तर पर मामले में सुलह करवाने की कोशिश की जाएगी.